Stock Split क्या होता है? | पूरी जानकारी हिंदी में
शेयर बाजार में निवेश करने वाले अधिकतर लोग स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) शब्द से परिचित होते है।
लेकिन कई बार इसका सही मतलब और असर लोगों को नहीं पता होता।
आज हम इस लेख में समझेंगे कि स्टॉक स्प्लिट क्या होता है, यह क्यों किया जाता है।
इसके फायदे-नुकसान क्या हैं, और यह आपके निवेश पर कैसे असर डालता है।
स्टॉक स्प्लिट किया है आईए आपको बताता हूं।
Stock Split का मतलब है कि किसी भी कंपनी के एक शेयर को छोटे हिस्सों में बाँट दिया जाता है।
लेकिन इससे कंपनी की कुल Value या Investment की कुल रुपयों पर कोई असर नहीं पड़ता।
उदाहरण से समझिए:—
मान लीजिए आपके पास किसी भी कंपनी एक 1 शेयर है जिसकी कीमत ₹1000 रुपया है।
और कंपनी ने 1:2 का स्टॉक स्प्लिट घोषित किया।
इसका मतलब यह है कि अब हर 1 शेयर को दो हिस्सों में बाँट दिया जाएगा।
तो अब आपके पास 2 शेयर हो जाएंगे हर एक शेयर की कीमत ₹500 रुपया हो जाएगा
और कुल वैल्यू ₹1000 रुपया ही रहेगी।
स्टॉक स्प्लिट क्यों किया जाता है? :—
1. शेयर की कीमत को कम करना ताकि आम निवेशक उसे आसानी से खरीद सकें।
2. शेयर में तरलता (liquidity) बढ़ाना, यानी ज्यादा लोगों तक शेयर को पहुँचाना।
3. मार्केट में शेयर की डिमांड बढ़ जाता है।
4. शेयर की कीमत को कम करना ताकि छोटे निवेशक भी शेयर खरीद सकें।
5. लिक्विडिटी बढ़ाना शेयर बाजार में शेयरों की खरीदी-बिक्री आसानी से हो सके।
6. पॉजिटिव मार्केट सेंटिमेंट स्टॉक स्प्लिट की खबर से शेयर पर निवेशकों का भरोसा बढ़ता है।
7. निवेशकों की संख्या बढ़ाना जब शेयर सस्ते होते हैं तो ज्यादा लोग निवेश करते हैं।
स्टॉक स्प्लिट के फायदे (Advantages of Stock Split) :—
निवेशकों की पहुंच बढ़ती है कम कीमत के कारण नए निवेशक आकर्षित होते हैं
लिक्विडिटी में वृद्धि शेयरों की ट्रेडिंग बढ़ती है
सकारात्मक संकेत कंपनी के ग्रोथ पर भरोसा बढ़ता है
टैक्स में कोई असर नहीं स्टॉक स्प्लिट से कैपिटल गेन टैक्स पर असर नहीं पड़ता
स्टॉक स्प्लिट के नुकसान (Disadvantages of Stock Split) :—
1. ज्यादा शेयर का मतलब जरूरी नहीं कि ज्यादा वैल्यू मिले।
2. कभी-कभी कंपनी की ग्रोथ नहीं होती, सिर्फ दिखावटी बढ़त होती है।
3. लॉन्ग टर्म वैल्यू नहीं समझने पर निवेशक भ्रमित हो सकते हैं।
2025 में स्टॉक स्प्लिट करने वाली प्रमुख कंपनियाँ :—
कंपनी का नाम स्टॉक स्प्लिट रेशियो रिकॉर्ड डेट
Tata Technologies 1:5 मार्च 2025
IRFC 1:10 अप्रैल 2025
GAIL 1:2 मई 2025
स्टॉक स्प्लिट कैसे काम करता है? :—
स्टॉक स्प्लिट के दौरान कंपनी
एक निश्चित अनुपात (Ratio) में अपने शेयरों को विभाजित करती है।
ये रेशियो निम्नलिखित हो सकते है।
1:2 Stock Split – 1 शेयर के बदले 2 शेयर
1:5 Stock Split – 1 शेयर के बदले 5 शेयर
1:10 Stock Split – 1 शेयर के बदले 10 शेयर
उदाहरण :—
मान लीजिए आपके पास ABC कंपनी के 10 शेयर हैं
और प्रति शेयर की कीमत ₹1000 है।
अगर कंपनी 1:2 का स्टॉक स्प्लिट करती है।
तो आपके पास अब 20 शेयर
होंगे और प्रति शेयर की कीमत ₹500 हो जाएगी।
Stock Split और शेयर की कीमत में संबंध :—
स्टॉक स्प्लिट के बाद शेयर की कीमत कम जरूर होती है। लेकिन कंपनी की वैल्यू नहीं बदलती।
अगर कंपनी अच्छी प्रदर्शन करती है, तो शेयर की कीमत वापस ऊपर जा सकती है।
इसलिए स्प्लिट के बाद भी कंपनी की फंडामेंटल्स देखना जरूरी है।
ध्यान देने वाली बाते :—
स्टॉक स्प्लिट से निवेशक के कुल पैसे में कोई फर्क नहीं पड़ता है।
यह सिर्फ शेयर की संख्या और प्रति शेयर कीमत को बदलता है।
कंपनी की मार्केट वैल्यू पर असर नहीं पड़ता।
निवेशक के लिए सलाह (Investor Tips) :—
1. कंपनी की बैलेंस शीट जरूर जांचें।
2. स्प्लिट के बाद शेयर का मूवमेंट ध्यान से ट्रैक करें।
3. केवल कम कीमत देखकर निवेश न करें।
4. कंपनी के भविष्य की योजनाओं को समझें।
निष्कर्ष (Conclusion) :—
स्टॉक स्प्लिट एक ऐसा कॉर्पोरेट एक्शन है जो कंपनी के शेयरों को ज्यादा निवेशकों के लिए सुलभ बनाता है।
यह निवेशकों के लिए अच्छा मौका हो सकता है, बशर्ते आप कंपनी की ग्रोथ, फंडामेंटल और भविष्य की रणनीतियों को समझें।
केवल शेयर सस्ता हुआ है यह देखकर निवेश न करें, समझदारी से फैसला लें।
लेकिन आपको जब भी निवेश करना हो तो
निवेश से पहले किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें।
हमारी वेबसाइट का उद्देश्य केवल निवेश जागरूकता फैलाना है।
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