डिविडेंड क्या होता है? :—
डिविडेंड एक कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को दिया जाने वाला लाभांश होता है। यह आमतौर पर कंपनी के शुद्ध लाभ का हिस्सा होता है जिसे नकद (Cash Dividend) या अतिरिक्त शेयरों (Stock Dividend) के रूप में बांटा जाता है।
डिविडेंड (Dividend) एक वित्तीय शब्द है, जो उस राशि को संदर्भित करता है जो एक कंपनी अपने शेयरधारकों को उनके निवेश पर लाभ के रूप में वितरित करती है। यह कंपनी के लाभ (profits) का एक हिस्सा होता है जिसे शेयरधारकों को दिया जाता है।
मुख्य बाते :—
डिविडेंड कंपनी की कमाई का हिस्सा होता है।
यह निवेशकों को उनके निवेश पर इनाम के रूप में मिलता है।
डिविडेंड कंपनियों की वित्तीय स्थिति को दर्शाता है।
डिविडेंड के प्रकार :—
मुख्य बाते :—
Dividend आमतौर पर निम्नलिखित रूपों में दिया जाता है:—
1. कैश डिविडेंड (Cash Dividend):- इसमें कंपनी अपने शेयरधारकों को नकद राशि के रूप में भुगतान करती है।
2. स्टॉक डिविडेंड (Stock Dividend):- इसमें कंपनी नकद राशि के बजाय अपने शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर जारी करती है।
3. संपत्ति डिविडेंड (Property Dividend):- यह दुर्लभ है, लेकिन इसमें नकद या स्टॉक के बजाय कंपनी अन्य संपत्तियों के रूप में डिविडेंड देती है।
डिविडेंड कैसे घोषित किया जाता है? :—
किसी कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स तय करता है कि डिविडेंड दिया जाए या नहीं। यह निर्णय कंपनी की कमाई, भविष्य की योजनाएं, निवेश आवश्यकताओं और बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है।
डिविडेंड की घोषणा के बाद कुछ अहम तारीखें होती है Declaration Date जब कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है
Record Date इस तारीख तक जिनके पास शेयर होंगे, उन्हें डिविडेंड मिलेगा
Ex-Dividend Date इस तारीख से पहले शेयर खरीदना जरूरी होता है
Payment Date जिस दिन डिविडेंड का भुगतान किया जाता है
डिविडेंड क्यों महत्वपूर्ण है? :—
निश्चित आमदनी डिविडेंड नियमित आय का एक अच्छा स्रोत होता है, खासकर रिटायर्ड लोगों के लिए।
कंपनी की विश्वसनीयता लगातार डिविडेंड देने वाली कंपनी निवेशकों में भरोसा बढ़ाती है।
रीइनवेस्टमेंट का अवसरनिवेशक डिविडेंड को फिर से निवेश करके कंपाउंड रिटर्न पा सकते हैं।
कम जोखिम वाले निवेशकों के लिए लाभदायक जो निवेशक शेयर की कीमतों के उतार-चढ़ाव से बचना चाहते हैं, उनके लिए डिविडेंड स्टॉक्स बेहतर विकल्प होते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु :—
1. डिविडेंड की घोषणा कंपनी का निदेशक मंडल (Board of Directors) करता है।
2. यह आमतौर पर वार्षिक, अर्धवार्षिक, या तिमाही आधार पर दिया जाता है।
3. डिविडेंड पाने के लिए व्यक्ति को कंपनी के शेयर एक निश्चित तारीख तक अपने पास रखने होते हैं, जिसे रिकॉर्ड डेट (Record Date) कहते हैं।
डिविडेंड यील्ड क्या होता है? :—
डिविडेंड यील्ड = (डिविडेंड प्रति शेयर / शेयर की वर्तमान कीमत) × 100
उदाहरण :– यदि किसी कंपनी ने ₹10 का डिविडेंड दिया है और शेयर की कीमत ₹200 है, तो डिविडेंड यील्ड होगा
(10 / 200) × 100 = 5%
डिविडेंड यील्ड से पता चलता है कि किसी शेयर में निवेश करने पर सालाना कितनी आमदनी होगी।
डिविडेंड निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक हो सकता है, क्योंकि यह कंपनी की वित्तीय स्थिरता और लाभप्रदता को दर्शाता है।
निवेशकों के लिए सुझाव :—
सिर्फ डिविडेंड के आधार पर निवेश न करें।
कंपनी की वित्तीय स्थिति, कमाई, कर्ज और ग्रोथ पोटेंशियल देखें।
डिविडेंड एक बोनस है, लेकिन दीर्घकालिक रिटर्न महत्वपूर्ण होता है।
हाई डिविडेंड यील्ड हमेशा अच्छा नहीं होता; यह जोखिम का संकेत भी हो सकता है।
टिप :—
डिविडेंड निवेश के लिए हमेशा उन कंपनियों का चयन करें जिनका ट्रैक रिकॉर्ड मजबूत हो।
निष्कर्ष :—
डिविडेंड शेयर बाजार के निवेशकों के लिए एक अतिरिक्त लाभ होता है, जिससे उन्हें नियमित आमदनी मिलती है। यह कंपनी की स्थिरता और निवेशकों की भागीदारी का प्रतीक होता है। यदि आप दीर्घकालिक निवेशक हैं और स्थिर आमदनी की तलाश में हैं, तो डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
लेकिन आपको जब भी निवेश करना हो तो निवेश से पहले किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें। हमारी वेबसाइट का उद्देश्य केवल निवेश जागरूकता फैलाना है।
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